भारतीय नारी अरुण योगीराज ने अपने जीवन में एक अद्वितीय यात्रा तय की है, जिसमें उन्होंने एमबीए की पढ़ाई पूरी की और बाद में प्राइवेट सेक्टर में अपना करियर बनाया। इसके बाद, उन्होंने एफआईआर मूर्ति बनने के लिए कई संघर्षों का सामना किया।
एमबीए से प्राइवेट सेक्टर की दुनिया
अरुण ने अपने एमबीए की पढ़ाई को समाप्त करने के बाद प्राइवेट सेक्टर में कदम रखा। उन्होंने अपनी पेशेवर यात्रा की शुरुआत एक बड़ी कंपनी में की, जहां उन्होंने अपने क्षमताओं को साबित करके धीरे-धीरे उच्च स्तरों तक पहुँचा।
एफआईआर मूर्ति का संघर्ष
हालांकि, अरुण ने सोचा था कि उनकी पेशेवर सफलता इसकी सीमा नहीं है, और उन्होंने अपनी राह को बदल दी। उन्होंने एफआईआर मूर्ति बनने का संकल्प किया और इसके लिए कठिनाईयों का सामना किया।