त्योहारों से पहले बड़ी राहत, अब केवल 5% और 18% GST स्लैब लागू, 12% व 28% स्लैब खत्म
त्योहारी सीज़न से पहले मोदी सरकार ने आम जनता को बड़ी राहत दी है। लंबे समय से प्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर (GST) स्लैब में सुधार की घोषणा हो चुकी है। अब देशभर में केवल दो ही प्रमुख GST स्लैब लागू होंगे—5% और 18%। इससे पहले 12% और 28% की दरें भी विभिन्न उत्पादों और सेवाओं पर लागू थीं, जिन्हें अब समाप्त कर दिया गया है। यह बदलाव 22 सितंबर 2025 से प्रभाव में आएगा, जिसकी घोषणा हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की है।
आम आदमी को सीधा फायदा
GST दरों में यह बदलाव सीधे तौर पर आम उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाएगा। त्योहारों के दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े, मिठाइयाँ, सजावट की सामग्री, मोबाइल, टेलीविजन, घरेलू उपकरण और कई सेवाओं की खरीदारी होती है। पहले इन पर 12% या 28% GST लगता था, जिससे कीमतें बढ़ जाती थीं। अब इन्हें या तो 5% या 18% के स्लैब में रखा जाएगा, जिससे वस्तुएँ अपेक्षाकृत सस्ती हो सकती हैं।
28% स्लैब खत्म – क्या बदलेगा?
28% GST स्लैब में पहले ऑटोमोबाइल्स, कुछ लक्ज़री आइटम्स, गुटखा, सिगरेट, एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन जैसी वस्तुएं शामिल थीं। अब इन पर या तो 18% टैक्स लगेगा या इन्हें विशेष सेस के तहत रखा जाएगा, जिससे आम उपयोग वाली वस्तुओं की कीमतों में गिरावट संभव है। हालांकि, हानिकारक वस्तुओं जैसे तंबाकू उत्पादों पर सरकार विशेष सेस को बनाए रखेगी ताकि स्वास्थ्य संबंधी चेतावनियाँ बनी रहें।
12% स्लैब के विलय से क्या लाभ?
12% स्लैब में पहले दर्जनों उत्पाद आते थे जैसे कि तैयार कपड़े, जूते, बर्तन, प्रोसेस्ड फूड आदि। अब इन्हें या तो 5% में लाया जाएगा या 18% में, उनकी प्रकृति और उपयोगिता के आधार पर। इससे मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग को बड़ा लाभ मिलेगा, खासकर उस समय जब त्योहारों में खरीदारी का बजट बढ़ जाता है।
सरल टैक्स संरचना की दिशा में कदम
GST प्रणाली को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए यह बदलाव काफी अहम माना जा रहा है। कई सालों से उद्योग जगत और कर विशेषज्ञ मांग कर रहे थे कि GST स्लैब की संख्या घटाई जाए ताकि अनुपालन आसान हो और भ्रम की स्थिति समाप्त हो। अब केवल दो ही मुख्य दरों के साथ कारोबार करना सरल होगा, खासकर छोटे और मध्यम व्यवसायों के लिए।
वित्त मंत्री का बयान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमने जनता की जरूरतों, उद्योग की मांग और कर प्रशासन की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए यह ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य महंगाई पर नियंत्रण और अर्थव्यवस्था को गति देना है।”
निष्कर्ष
त्योहारी मौसम से ठीक पहले आया यह टैक्स सुधार आम लोगों की जेब पर बोझ कम करेगा और बाजार में मांग को बढ़ावा देगा। इससे न सिर्फ उपभोक्ता को लाभ होगा, बल्कि कारोबारी माहौल भी सकारात्मक होगा। अब देखना यह होगा कि इस बदलाव का असर वास्तविक बाजार में कितनी जल्दी दिखाई देता है।