प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में जम्मू और कश्मीर के बारे में एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने इस खूबसूरत राज्य को परिवारवाद के प्रभाव से नष्ट होने की बात की। पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि राजनीतिक दलों ने केवल अपने परिवारों और बच्चों की चिंता की है, जबकि राज्य की असली समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में कहा कि जम्मू और कश्मीर को एक समय सुंदरता और विकास का प्रतीक माना जाता था, लेकिन अब यह परिवारवाद और स्वार्थी राजनीति की चपेट में आ चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक परिवारों ने राज्य की जनता की समस्याओं को नजरअंदाज किया और केवल अपने परिवार की भविष्यवाणी और वंशवादी राजनीति पर ध्यान केंद्रित किया।
मोदी ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि राज्य की सत्तारूढ़ पार्टियाँ केवल अपने परिवार के सदस्यों को राजनीति में प्रोत्साहित कर रही हैं, बजाय इसके कि वे जनता की भलाई और राज्य के समग्र विकास पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि इस परिवारवाद ने जम्मू और कश्मीर की विकास की संभावनाओं को सीमित कर दिया है और राज्य को सही दिशा में ले जाने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री ने उदाहरण के रूप में कुछ प्रमुख राजनीतिक परिवारों का नाम लिया, जिन्होंने दशकों से राज्य की राजनीति पर कब्जा किया हुआ है। उनका कहना था कि इन परिवारों ने अपनी सत्ता और प्रभाव का इस्तेमाल केवल अपने लाभ के लिए किया और आम जनता की भलाई की ओर कोई गंभीर कदम नहीं उठाया। इससे राज्य में बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार और विकास की कमी जैसी समस्याएँ और भी गंभीर हो गई हैं।
मोदी ने यह भी कहा कि परिवारवाद ने राजनीतिक स्थिरता को नष्ट कर दिया है, जिससे जम्मू और कश्मीर के नागरिकों को अपने अधिकार और अवसर पाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति को बदलने के लिए एक नई राजनीतिक दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जो पूरी तरह से जनता के हित में काम करे और परिवारवाद की राजनीति को समाप्त करे।
प्रधानमंत्री के इस बयान ने जम्मू और कश्मीर की राजनीति में एक नया विवाद उत्पन्न कर दिया है। विभिन्न राजनीतिक दलों और नेताओं ने इस बयान पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें कुछ ने इसे सही ठहराया जबकि अन्य ने इसे राजनीतिक प्रतिस्पर्धा और आरोप-प्रत्यारोप का हिस्सा बताया है।
कुल मिलाकर, पीएम मोदी का यह बयान जम्मू और कश्मीर में परिवारवाद के प्रभाव और उसके परिणामों पर ध्यान आकर्षित करता है, और यह दर्शाता है कि राज्य की राजनीति में सुधार और विकास के लिए व्यापक बदलाव की आवश्यकता है। इस मुद्दे पर आगामी राजनीतिक चर्चा और बहस राज्य की राजनीति के भविष्य को आकार दे सकती है।
Read More : Arvind Kejriwal Bail Order: Delhi CM’s First Day Out of Jail Includes Visit to CP’s Hanuman Temple
Read More : दिल्ली-एनसीआर में भूकंप: घरों और ऑफिसों से बाहर आए लोग, सुरक्षा को लेकर सतर्कता बढ़ी
Read More : राहुल गांधी के बयान पर बीजेपी नेता का पलटवार: इंदिरा गांधी द्वारा गुरुद्वारा बंद करने का आरोप
We are open for place your ads or backlink on our website.

