प्रयागराज: संगम पर श्रद्धालुओं से भरी नाव पलटी, NDRF ने 5 लोगों को सुरक्षित बचाया
प्रयागराज, एक पवित्र धार्मिक स्थल, जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों का संगम होता है, वहां आज एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। संगम पर श्रद्धालुओं से भरी एक नाव अचानक अनियंत्रित होकर पलट गई, जिससे नाव में सवार लोग पानी में डूबने लगे। हालांकि, मौके पर तैनात राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की त्वरित कार्रवाई के चलते पांच लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया, जिससे एक बड़ी त्रासदी टल गई।
कैसे हुआ हादसा?
रिपोर्ट्स के अनुसार, नाव में निर्धारित क्षमता से अधिक लोग सवार थे। संगम में बढ़ते जलस्तर और तेज बहाव के कारण नाव संतुलन खो बैठी और अचानक पलट गई। नाव में सवार श्रद्धालु घबराकर मदद के लिए चिल्लाने लगे। स्थानीय नाविकों और प्रशासन को जैसे ही इस घटना की जानकारी मिली, तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया।
NDRF की त्वरित कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही NDRF की टीम तुरंत सक्रिय हो गई। उनकी प्रशिक्षित टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए डूब रहे पांच लोगों को सुरक्षित निकाल लिया। इस दौरान गोताखोरों और स्थानीय नाविकों की भी मदद ली गई। बताया जा रहा है कि अगर NDRF की टीम तुरंत मौके पर नहीं पहुंचती, तो यह हादसा बड़ा रूप ले सकता था।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना के बाद प्रशासन ने नाव संचालन को लेकर सख्ती बढ़ा दी है। जिला प्रशासन ने नाविकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे निर्धारित सीमा से अधिक लोगों को नाव में न बैठाएं। इसके अलावा, प्रशासन ने चेतावनी दी है कि यदि कोई भी नाविक सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
श्रद्धालुओं में मची अफरा-तफरी
इस हादसे के बाद संगम क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। डूबने वालों के परिजन घबराकर इधर-उधर दौड़ने लगे और प्रशासन से मदद की गुहार लगाने लगे। राहत की बात यह रही कि सभी डूबने वाले लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया। कुछ श्रद्धालु मामूली रूप से घायल हुए, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया।
भविष्य में सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम
इस घटना के बाद प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- नाविकों को सुरक्षा प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे किसी भी आपातकालीन स्थिति में सही निर्णय ले सकें।
- नावों की नियमित जांच होगी और खराब नावों को प्रतिबंधित किया जाएगा।
- श्रद्धालुओं के लिए लाइफ जैकेट अनिवार्य की जाएगी ताकि किसी भी दुर्घटना की स्थिति में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
- संगम क्षेत्र में NDRF और जल पुलिस की गश्त बढ़ाई जाएगी ताकि किसी भी संभावित दुर्घटना को रोका जा सके।
निष्कर्ष
प्रयागराज का संगम धार्मिक आस्था का केंद्र है, जहां लाखों श्रद्धालु स्नान करने और पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। ऐसे में सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए। इस घटना से सीख लेते हुए भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने जरूरी हैं। प्रशासन और श्रद्धालुओं को मिलकर सुरक्षा नियमों का पालन करना होगा, ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके।

