बीजेपी उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी का विवादास्पद बयान, कालकाजी की सड़कों को प्रियंका गांधी के गालों जैसा बनाने की दी धमकी
दिल्ली की कालकाजी विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी ने हाल ही में एक विवादास्पद बयान दिया है, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। उनके इस बयान में वह कह रहे हैं कि वह कालकाजी की सड़कों को प्रियंका गांधी के गालों जैसा बना देंगे। यह बयान न केवल राजनीति में हलचल पैदा कर रहा है, बल्कि इसे लेकर लोग विभिन्न प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
रमेश बिधूड़ी का यह बयान उस समय आया जब वह एक चुनावी रैली में अपने समर्थकों से बात कर रहे थे। उनके इस बयान में प्रियंका गांधी के गालों का उल्लेख किया गया था, और यह कहा गया कि जैसे प्रियंका गांधी के गाल गुलाबी और सुंदर हैं, वैसे ही कालकाजी की सड़कों को सुंदर और सफाई से भरा जाएगा। हालांकि यह बयान किसी ने किसी सटीक संदर्भ में दिया हो, लेकिन इसका शब्दों का चुनाव बहुत विवादास्पद और आपत्तिजनक माना गया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बयान से बीजेपी के उम्मीदवार ने अपनी चुनावी रणनीति में एक विवादित रास्ता चुना है, जिससे वह न केवल विपक्षी नेताओं पर व्यक्तिगत हमले कर रहे हैं, बल्कि उनकी नकारात्मक छवि भी पेश कर रहे हैं। यह बयान उन राजनीतिक दावों और नैतिकता पर सवाल उठाता है, जो चुनावी प्रचार में आदर्श और सकारात्मक राजनीति की आवश्यकता बताते हैं।
प्रियंका गांधी को लेकर इस तरह की टिप्पणियां भारतीय राजनीति में पहले भी देखी गई हैं, लेकिन रमेश बिधूड़ी का यह बयान नया विवाद खड़ा कर रहा है, क्योंकि इसमें महिला नेताओं को लेकर अपमानजनक और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया है। सोशल मीडिया पर इस बयान का विरोध शुरू हो गया है, और कई लोगों ने इसे महिला अपमान के रूप में देखा है। महिला अधिकार संगठनों ने भी इस बयान की आलोचना की है और इसे राजनीति के स्तर को गिराने वाली भाषा करार दिया है।
बीजेपी के इस उम्मीदवार ने हालांकि अपने बयान पर खेद व्यक्त किया है और कहा है कि उनका इरादा कभी भी प्रियंका गांधी या किसी अन्य महिला नेता के प्रति अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करने का नहीं था। उन्होंने इसे एक गलत समझ और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत बयान दिया था। लेकिन सोशल मीडिया पर उनके बयान के खिलाफ विरोध तेज हो गया है, और कई लोग इसे एक माफी के बावजूद नकारात्मक रूप में देख रहे हैं।
चुनाव के मौसम में इस तरह के विवादित बयान राजनीति में एक नई दिशा की ओर इशारा करते हैं, जहां व्यक्तिगत हमलों की जगह विकास और योजनाओं पर बात होनी चाहिए। राजनीतिक दलों को यह समझना होगा कि इस प्रकार की विवादास्पद टिप्पणियों से न केवल उनका संदेश कमजोर होता है, बल्कि वे जनता के बीच नकारात्मक प्रभाव भी डालते हैं।
आखिरकार, यह देखना होगा कि बीजेपी और अन्य विपक्षी दल इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं और क्या इस विवाद का असर दिल्ली विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा।

