भारतीय कुश्ती महासंघ में राजनीतिक हस्तक्षेप जारी रहा तो UWW से सस्पेंशन का खतरा, खिलाड़ियों का अंतरराष्ट्रीय भविष्य अनिश्चित
भारतीय कुश्ती महासंघ (Wrestling Federation of India – WFI) पर अंतरराष्ट्रीय कुश्ती की गवर्निंग बॉडी यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) की नजरें गंभीरता से टिकी हुई हैं। UWW ने हाल ही में चेतावनी दी है कि अगर WFI में राजनीतिक हस्तक्षेप जल्द खत्म नहीं किया गया, तो भारत को सस्पेंड कर दिया जाएगा। इस निर्णय का असर न केवल भारतीय कुश्ती पर पड़ेगा, बल्कि देश के हजारों पहलवानों के भविष्य पर भी गहरा संकट उत्पन्न करेगा।
UWW की चेतावनी और संभावित सस्पेंशन
UWW ने साफ किया है कि खेल संघों में राजनीतिक हस्तक्षेप अंतरराष्ट्रीय खेलों के मानकों और स्वायत्तता के खिलाफ है। भारतीय कुश्ती महासंघ लंबे समय से विवादों में रहा है, जिसमें नेतृत्व के मुद्दे, खिलाड़ियों की शिकायतें, और प्रशासनिक अनियमितताएं शामिल हैं। अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो भारत को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने से रोका जा सकता है।
UWW का यह कदम भारतीय पहलवानों के लिए बड़ा झटका हो सकता है, खासकर उन खिलाड़ियों के लिए जो ओलंपिक, एशियाई खेलों, कॉमनवेल्थ और विश्व चैंपियनशिप जैसे प्रतिष्ठित आयोजनों में भारत को गौरव दिलाने का सपना देख रहे हैं।
खिलाड़ियों का प्रभावित होता भविष्य
अगर भारत सस्पेंड होता है, तो इसका सबसे बड़ा असर उन पहलवानों पर पड़ेगा जो अपनी मेहनत और काबिलियत से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रतिस्पर्धा करने के अवसरों से वंचित हो जाएंगे, जिससे उनके करियर पर गंभीर असर पड़ेगा।
भारत में कुश्ती हमेशा से एक प्रमुख खेल रहा है, और देश ने ओलंपिक और अन्य वैश्विक मंचों पर कई मेडल जीतकर अपनी क्षमता साबित की है। लेकिन यदि WFI में सुधार नहीं हुआ, तो खिलाड़ियों की मेहनत और सपने अधूरे रह सकते हैं।
सरकार और WFI के लिए जरूरी सुधार
इस समस्या का समाधान खोजने के लिए सरकार और WFI को मिलकर काम करने की जरूरत है। खेल संघों में पारदर्शिता और स्वायत्तता सुनिश्चित करनी होगी ताकि राजनीतिक हस्तक्षेप कम हो सके। इसके अलावा, खिलाड़ियों की शिकायतों को प्राथमिकता देकर उनके लिए अनुकूल माहौल तैयार करना होगा।
सरकार को यह समझना होगा कि खेलों में हस्तक्षेप केवल खिलाड़ियों के प्रदर्शन को प्रभावित नहीं करता, बल्कि देश की अंतरराष्ट्रीय छवि को भी नुकसान पहुंचाता है।
कुश्ती के भविष्य के लिए ठोस कदम
UWW की चेतावनी भारतीय कुश्ती के लिए एक चेतावनी के रूप में देखी जानी चाहिए। खिलाड़ियों और खेल संघों को यह समझना होगा कि कुश्ती केवल एक खेल नहीं, बल्कि लाखों लोगों की उम्मीदों और सपनों का प्रतिनिधित्व करता है।
यदि WFI समय रहते सुधारात्मक कदम उठाता है, तो न केवल सस्पेंशन से बचा जा सकता है, बल्कि भारतीय कुश्ती को एक नई दिशा और पहचान दी जा सकती है। यह समय है कि खेल संघ अपनी जिम्मेदारियों को समझें और खिलाड़ियों के हित को प्राथमिकता दें।
भारतीय कुश्ती को फिर से अपनी गौरवशाली पहचान दिलाने के लिए जरूरी है कि सभी पक्ष मिलकर प्रयास करें। क्योंकि अंततः यह केवल खिलाड़ियों की नहीं, बल्कि पूरे देश की प्रतिष्ठा का सवाल है।