विजयादशमी विशेष: श्रीराम और शस्त्र पूजा के लिए 3 मुहूर्त, जानें पूजन विधि और शुभ खरीदारी का समय।

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विजयादशमी, जिसे दशहरा भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था, जिसके बाद माता सीता को मुक्त किया। विजयादशमी के अवसर पर, लोग न केवल भगवान श्रीराम की पूजा करते हैं, बल्कि इस दिन विशेष रूप से शस्त्र पूजा का भी महत्व है। इस वर्ष, विजयादशमी के दिन श्रीराम और शस्त्र पूजा के लिए तीन मुहूर्त निर्धारित किए गए हैं।

मुहूर्त की जानकारी

  1. प्रथम मुहूर्त: सुबह 7:30 बजे से 8:30 बजे तक
  2. द्वितीय मुहूर्त: दोपहर 12:00 बजे से 1:00 बजे तक
  3. तृतीय मुहूर्त: शाम 5:00 बजे से 6:00 बजे तक

इन मुहूर्तों में पूजा करने से भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होती है। इन समयों में पूजा करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएँ पूर्ण होने की संभावना बढ़ जाती है।

पूजन विधि

विजयादशमी पर पूजा विधि विशेष महत्व रखती है। यहां पर हम आपको संक्षिप्त में पूजन विधि बताने जा रहे हैं:

  1. पूजा का स्थान: सबसे पहले, एक स्वच्छ स्थान पर पूजा का पंडाल तैयार करें। इसमें एक चौकी रखें और उस पर भगवान श्रीराम का चित्र या मूर्ति स्थापित करें।
  2. सामग्री एकत्रित करें: पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे फूल, फल, दूर्वा, लाल चंदन, कुमकुम, रोली, घी का दीपक, और शस्त्र (जैसे तलवार, ढाल, या अन्य) एकत्रित करें।
  3. दीप जलाना: पूजा की शुरुआत करते हुए दीपक जलाएं और भगवान का स्मरण करें।
  4. अभिषेक और पूजन: भगवान श्रीराम का अभिषेक करें। उसके बाद उन्हें फूल, फल, और भोग अर्पित करें। इसी समय, अपने शस्त्रों को भी पूजा करें। शस्त्रों को अच्छे से साफ करें और उन पर चंदन, फूल, और दूध अर्पित करें।
  5. आरती: अंत में, भगवान की आरती करें और सबके साथ मिलकर ‘जय श्री राम’ का जाप करें।

शुभ खरीदारी का समय

विजयादशमी के दिन खरीदारी करना भी शुभ माना जाता है। इस दिन लोग नए कपड़े, बर्तन, आभूषण, और अन्य सामान खरीदते हैं। मान्यता है कि इस दिन की गई खरीदारी व्यक्ति के लिए भाग्य और समृद्धि लेकर आती है। आप इस दिन अपनी पसंद के अनुसार खरीदारी कर सकते हैं, क्योंकि पूरा दिन शुभ रहेगा।

समापन

विजयादशमी का पर्व केवल धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने के साथ ही, हमें अपने जीवन में सकारात्मकता और अच्छे कार्यों को अपनाने की प्रेरणा मिलती है। इस पर्व को मनाने के लिए पारिवारिक और सामाजिक मिलनसारिता भी आवश्यक है।

आइए, इस विजयादशमी पर हम सभी मिलकर भगवान श्रीराम से प्रार्थना करें कि वे हमारे जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि लाएं। जय श्री राम!


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