सनातन धर्म की रक्षा के लिए एक करोड़ कट्टर हिंदू चाहिए, धीरेंद्र शास्त्री ने किया अहम आह्वान
बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री ने हाल ही में सनातन धर्म की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की सशक्त रक्षा के लिए पूरे भारत में एक करोड़ कट्टर हिंदुओं की आवश्यकता है। शास्त्री ने स्पष्ट किया कि जब तक हम अपने धर्म और संस्कृति को लेकर सजग और प्रतिबद्ध नहीं होंगे, तब तक बाहरी ताकतें हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को नुकसान पहुंचाती रहेंगी।
अपने भाषण में शास्त्री ने इस बात पर जोर दिया कि सनातन धर्म, जो हजारों साल पुरानी परंपरा है, केवल धार्मिक विश्वास नहीं, बल्कि एक जीवन पद्धति है। “हमें धर्म के प्रति अपनी आस्था और निष्ठा को मजबूत करना होगा,” उन्होंने कहा। उनका मानना है कि यदि हिंदू समाज को अपने धर्म की सशक्त रक्षा करनी है, तो उसे अपनी जड़ों से जुड़ा रहना होगा और संकीर्ण विचारधाराओं से ऊपर उठकर अपनी संस्कृति को सम्मान देना होगा।
धीरेंद्र शास्त्री ने यह भी कहा कि हिंदू धर्म को बचाने के लिए एक मजबूत, जागरूक और कट्टर हिंदू समाज की आवश्यकता है, जो अपने धर्म के प्रति निष्ठावान हो और किसी भी स्थिति में अपने विश्वासों से विचलित न हो। “आज के समय में, जब हिंदू धर्म को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम सब मिलकर इसे सुरक्षित रखें। हमें एक करोड़ ऐसे हिंदू चाहिए, जो कट्टर रूप से अपने धर्म का पालन करें,” शास्त्री ने अपनी बात को स्पष्ट किया।
उनका यह बयान धार्मिक और सामाजिक संदर्भ में काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि शास्त्री ने यह संकेत दिया कि केवल धार्मिक आस्थाएं ही नहीं, बल्कि समाज की एकता, जागरूकता और संघर्ष भी जरूरी हैं। शास्त्री ने हिंदू समाज से अपील की कि वे केवल धार्मिक कर्मकांडों तक ही सीमित न रहें, बल्कि उन्हें अपनी संस्कृति और धर्म के प्रति जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए।
धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए यह कहा कि आजकल के समय में कुछ लोग हिंदू धर्म के प्रति अपनी निष्ठा को लेकर संकोच करते हैं, जिससे बाहरी ताकतों को हमारे धार्मिक मूल्यों पर हमला करने का मौका मिलता है। “हमें अपने धर्म की शक्ति और महानता को समझना होगा। केवल तभी हम इस धर्म को बचा सकते हैं,” उन्होंने कहा।
शास्त्री ने इसके साथ ही यह भी कहा कि समाज में प्रत्येक व्यक्ति को इस आंदोलन का हिस्सा बनना होगा। “हमें एकजुट होकर धर्म की रक्षा करनी होगी। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम आने वाली पीढ़ी को सही दिशा में मार्गदर्शन दें,” उन्होंने कहा।
इस आह्वान के बाद, बागेश्वर धाम के अनुयायी और अन्य लोग इस विचार को गंभीरता से ले रहे हैं। शास्त्री के अनुसार, यदि हिंदू समाज अपने धर्म के प्रति कट्टर निष्ठा बनाए रखता है, तो कोई भी ताकत सनातन धर्म को नष्ट नहीं कर सकती। उनके इस संदेश ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि धर्म और संस्कृति की रक्षा केवल बाहरी ताकतों से नहीं, बल्कि खुद हमारे भीतर से आती है।

