सेव बैंक ऑफ इंडिया ने 2,000 रुपये के नोटों के व्यापार के लिए समर्थन बढ़ाया है। आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल 2,000 रुपये के नोटों का कारोबार 7 अक्टूबर तक किया जा सकता है.
आज के विशेष समय में, जब विश्वास की बुनाई से जुड़े सवाल उठ रहे हैं, सरकार ने एक नई पहल के रूप में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है – ‘दो हजार के नोट के बदलने की तारीख को बढ़ाना’. यह घोषणा देशवासियों में बड़ी चर्चा का विषय बन गई है।
राष्ट्रीय कार्य क्षेत्र: सेव बैंक ऑफ इंडिया ने 2,000 रुपये के नोटों के व्यापार के लिए समर्थन बढ़ाया है। आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल 2,000 रुपये के नोटों का कारोबार 7 अक्टूबर तक किया जा सकता है. पहले यह तारीख आज यानी 30 सितंबर तक थी. आरबीआई ने कहा कि फिलहाल 2,000 रुपये के 96 फीसदी नोट बैंक में वापस आ चुके हैं. 7 अक्टूबर के बाद आरबीआई की 19 शाखाओं में नोट वैसे ही जमा रहेंगे.
मई में एक बड़ा फैसला लिया गया
19 मई 2023 को सेव बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने देश के सबसे बड़े नोट यानी 2,000 रुपये के नोट को बंद करने की घोषणा की थी और इसे चलन से बाहर कर दिया था. विज्ञापन में दिखाए गए इन नोटों की वापसी को प्रोत्साहित करने के लिए, आरबीआई ने बैंकों और केंद्रीय बैंक के 19 क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से वापसी या व्यापार की तारीख 30 सितंबर तय की थी। जब केंद्रीय बैंक ने 2,000 रुपये के नोटों को बंद करने का ऐलान किया था तो उस वक्त जानकारी दिखाते हुए कहा था कि आरबीआई की मानें तो मार्च 31, 2023 तक 3.62 लाख करोड़ रुपये के नोट चलन में थे.
93% नोट अगस्त के अंत तक वापस आ गए
सितंबर की शुरुआत में सेव बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार, 31 सितंबर तक, प्रचलन में कुल 2,000 रुपये के 93 प्रतिशत नोट आरबीआई को वापस कर दिए गए थे। वहीं, सितंबर की शुरुआत तक शोकेस में करीब 24,000 करोड़ रुपये के नोट दिखाए गए थे। इस तथ्य के बावजूद कि सेंट्रल बैंक द्वारा हाल ही में कोई जानकारी जारी नहीं की गई है, इसका कुछ हिस्सा अधिक बैंकों में जमा किया गया हो सकता है।
1 सितंबर को RBI ने क्या कहा?
1 सितंबर 2023 को आरबीआई की ओर से बताया गया कि 31 सितंबर 2023 तक चलन से वापस आए 2,000 रुपये के बैंक नोटों की कुल कीमत 3.32 लाख करोड़ रुपये है. केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट रूप से नियत तिथि के बाद इन नोटों को अमान्य घोषित नहीं किया है, लेकिन अपनी ‘स्वच्छ नोट नीति’ के हिस्से के रूप में इन्हें बाहर करने की बात कही है। आरबीआई ने प्रदर्शित किया था कि 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने की नियत तारीख बैंकों में वापस आए या जमा किए गए इन नोटों की मात्रा पर निर्भर करेगी।
नई तारीख का ऐलान: क्या है नया?
सरकार द्वारा दो हजार के नोट के बदलने की तारीख को बढ़ाने की यह कदम क्यों उठाया गया? क्या इसमें लोगों को कोई फायदा है? जानिए इस नई तारीख की खासियत और उसके पीछे के लक्ष्य क्या हैं।
क्या है नई तारीख का मतलब?
दो हजार के नोट के बदलने की नई तारीख का मतलब क्या है? क्या यह वाकई में आम जनता के लिए बेहतरी लेकर आएगा? जानिए नए नियमों और विधियों के बारे में।
लोगों की प्रतिक्रिया: सहमति या विरोध?
इस नए कदम के खिलाफ लोगों की क्या राय है? क्या यह नई तारीख जनता के बीच में सहमति पा सकेगी या फिर उसमें विवाद उत्पन्न होगा? जानिए जनता की राय का नक्शा।
नोट के बदलाव का सबसे बड़ा प्रभाव: अर्थव्यवस्था पर क्या होगा?
दो हजार के नोट के इस नए कदम का सबसे बड़ा प्रभाव कहाँ पड़ेगा? क्या यह अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा या फिर उसमें गतिरूति लाएगा? जानिए विशेषज्ञों की राय।
समापन: क्या आने वाले समय में होगा कुछ और खास?
इस नई तारीख के साथ, हमारी आर्थिक दृष्टि में कौन सी महत्वपूर्ण परिवर्तन हो सकते हैं? क्या हमें आने वाले समय में किसी नई चुनौती का सामना करना पड़ेगा? इस सबका संक्षेप में विचार करते हैं।
इस नई तारीख के बारे में जानकर आपको सरकार की सोच और रणनीति के प्रति अधिक समझ मिलेगी। यह नई पहल न केवल एक नोट की तारीख को बढ़ाने की है, बल्कि यह हमारी अर्थव्यवस्था की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है। क्यों न हम सभी मिलकर इसमें सकारात्मक दिशा से समर्थन दें और इस बदलाव को सफल बनाने में सहयोग करें।