RBI Repo Rate: मंहगे कर्ज से मिलेगा छुटकारा, जून में आरबीआई करने जा रहा है ये काम!

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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा निर्धारित रेपो दर का इस्तेमाल बैंकों द्वारा ऋण लेने और देने के दौरान की जाती है। इस दर का उद्देश्य बैंकों के लिए उपलब्ध नकदी की मात्रा को नियंत्रित करना होता है। जब रेपो दर बढ़ाई जाती है, तो बैंकों के लिए ऋण लेना महंगा हो जाता है और उन्हें अपने ऋणों की वापसी के लिए अधिक ब्याज भुगतान करना पड़ता है। इसी तरह, जब रेपो दर कम की जाती है, तो बैंकों को ऋण लेने के लिए कम ब्याज भुगतान करना पड़ता है।

जून में आरबीआई के इस काम का मतलब है कि वे रेपो दर में बदलाव कर सकते हैं। अगर वे रेपो दर में कटौती करते हैं, तो बैंकों को ऋण लेने के लिए कम ब्याज देने की आवश्यकता होगी। इससे बैंकों को ऋण देने के लिए उपलब्ध नकदी में वृद्धि होगी और यह आम लोगों के लिए ऋण के ब्याज में कटौती के रूप में फायदेमंद होगा।

क्या आप जानना चाहते हैं कि आरबीआई जून में क्या काम कर रहा है जो मंहगे कर्ज से छुटकारा प्रदान करेगा?

रिपो दर एक ऐसी दर होती है जिसे रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) अपने द्वारा किए जाने वाले मुद्रास्फीतिकरण (मोनेटरी पॉलिसी) के अनुसार नियंत्रित करता है। इस दर को बैंकों को उचित ब्याज दर से ऋण लेने वालों को अनुमति देने के लिए उपयोग किया जाता है।

जब रिपो दर बढ़ती है, तो बैंकों के पास उचित ब्याज दर से उचित ऋण लेने के लिए कम धन होता है। ऐसे में, वे अपने ऋण दर बढ़ाकर ग्राहकों से अधिक ब्याज वसूलने लगते हैं। यह आमतौर पर उच्च मूल्य वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों को बढ़ाने के कारण महंगाई को बढ़ावा देता है।

इसलिए, अगर आरबीआई रिपो दर कम करता है, तो बैंकों को उचित ब्याज दर से उचित ऋण उपलब्ध होते हैं जिससे उनके पास अधिक धन होता है ।

जून 2023 में, आरबीआई (Reserve Bank of India) की मॉनेटरी पॉलिसी समिति अपनी बैठक बुलाने की योजना बना रही है, जिसमें वह ब्याज दरों के बारे में फैसला लेगी। अभी तक इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है कि आरबीआई क्या ब्याज दर बदलेगी, लेकिन यह सम्भव है कि आरबीआई रेपो दर में कमी कर सकती है।

रेपो दर उस ब्याज दर को कहते हैं, जिस पर बैंकों को आरबीआई से क्रेडिट लेने के लिए पैसे उपलब्ध होते हैं। यदि आरबीआई रेपो दर में कमी करती है, तो बैंकों को क्रेडिट लेने के लिए कम ब्याज दर भुगतान करना होगा। इससे उन्हें कॉस्ट कम होगा और वे अधिक उत्पादक और कर्ज लेने योग्य ग्राहकों को लोन दे सकते हैं।

अधिकतम ब्याज दर को रेपो दर से कम या उससे ऊपर सेट किया जा सकता है ।

2 thoughts on “RBI Repo Rate: मंहगे कर्ज से मिलेगा छुटकारा, जून में आरबीआई करने जा रहा है ये काम!”

  1. Akshay says:

    Good one news

  2. Akshay says:

    Helpfull

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