सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) आरक्षण में क्रीमीलेयर पर दिए गए हालिया फैसले के विरोध में आज विभिन्न संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है। दलित और आदिवासी संगठनों ने हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर यह बंद बुलाया है। इसके साथ ही, बहुजन समाज पार्टी (BSP) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) जैसी पार्टियों ने भी इस बंद का समर्थन किया है।
हालांकि, दिल्ली में इस भारत बंद का असर बहुत कम होने की संभावना है। दिल्ली के व्यापारियों और फैक्ट्री मालिकों के प्रमुख संगठन, चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI), ने घोषणा की है कि दिल्ली के सभी 700 बाजार खुले रहेंगे और व्यापारिक गतिविधियाँ सामान्य रूप से चलती रहेंगी।
इस बंद के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए न्याय और समानता की मांग को लेकर राष्ट्रीय दलित और आदिवासी संगठन (NACDAOR) ने एक मांग पत्र जारी किया है। इसमें उन्होंने समाज के कमजोर वर्गों के लिए विशेष ध्यान देने की अपील की है।
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आज, कई संगठनों ने एससी (अनुसूचित जाति) और एसटी (अनुसूचित जनजाति) आरक्षण में क्रीमी लेयर मानदंड पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के जवाब में भारत बंद का आह्वान किया है। बीएसपी (बहुजन समाज पार्टी) और आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) जैसे राजनीतिक दलों ने भी बंद के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया है।
दलित और आदिवासी समूहों द्वारा हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग करते हुए बंद का आयोजन किया गया है। दलित और आदिवासी संगठनों के राष्ट्रीय परिसंघ (NACDAOR) ने मांगों की एक सूची जारी की है जिसमें एससी, एसटी और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के लिए न्याय और समानता शामिल है।
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हालांकि, दिल्ली में बंद का असर कम रहने की उम्मीद है। चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने घोषणा की है कि शहर के सभी 700 बाजार खुले रहेंगे और व्यावसायिक गतिविधियाँ हमेशा की तरह जारी रहेंगी।