नई दिल्ली में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए गए फैसले, 22 सितंबर से घटेंगी टैक्स दरें.
जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में लिए गए अहम फैसले, 22 सितंबर से कम होंगी टैक्स दरें – नई दिल्ली से बड़ी घोषणा
नई दिल्ली में बुधवार को आयोजित जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) काउंसिल की 56वीं बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में टैक्स स्ट्रक्चर को आसान बनाने और आम लोगों को राहत देने के उद्देश्य से कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। सबसे बड़ा फैसला यह रहा कि कई वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाले टैक्स की दरों में कटौती की गई है, जो 22 सितंबर 2025 से प्रभावी होंगी।
टैक्स दरों में बदलाव से आम जनता को राहत
इस बैठक में यह तय किया गया कि कुछ जरूरी उपभोक्ता वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी की दरें घटाई जाएंगी। इससे आम आदमी की जेब पर बोझ कम होगा और बाजार में उपभोक्ता मांग को बढ़ावा मिलेगा। शिक्षा, स्वास्थ्य और खाद्य वस्तुओं से जुड़ी सेवाओं पर टैक्स कम किए जाने की सिफारिश की गई है। इससे स्कूलों, अस्पतालों और छोटे व्यवसायों को भी राहत मिलेगी।
छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत
बैठक में छोटे और मझौले व्यापारियों के लिए भी कुछ अहम घोषणाएं की गईं। जीएसटी रजिस्ट्रेशन की सीमा को बढ़ाने, रिटर्न फाइलिंग प्रक्रिया को सरल बनाने और ई-इनवॉइस की बाध्यता को कुछ श्रेणियों में हटाने जैसे निर्णय लिए गए हैं। इससे छोटे व्यापारियों का अनुपालन बोझ कम होगा और वे अधिक सुचारू रूप से अपना व्यापार चला सकेंगे।
ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और रेस कोर्स पर भी चर्चा
जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और रेस कोर्स पर टैक्स लगाने के नए नियमों पर भी विचार किया गया। इन क्षेत्रों में टैक्स की दरों को स्पष्ट करते हुए अनुपालन की दिशा में ठोस कदम उठाने की बात कही गई है। यह फैसला इन उद्योगों में पारदर्शिता लाने और कर संग्रह में सुधार के लिए किया गया है।
स्वचालित निर्णय प्रणाली पर जोर
बैठक में यह भी प्रस्ताव रखा गया कि जीएसटी से जुड़े विवादों और नोटिसों को निपटाने के लिए एक स्वचालित निर्णय प्रणाली विकसित की जाए। इससे करदाताओं को समय पर न्याय मिलेगा और सरकारी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी। तकनीकी सुधारों पर भी जोर दिया गया, जिससे जीएसटी नेटवर्क और अधिक प्रभावी बनेगा।
निष्कर्ष
56वीं जीएसटी काउंसिल बैठक में लिए गए फैसले न केवल टैक्स प्रणाली को सरल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं, बल्कि इससे आम जनता, व्यापारी वर्ग और उद्योगों को भी राहत मिलेगी। 22 सितंबर 2025 से लागू होने वाले नए टैक्स रेट्स से उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा और सरकार को कर संग्रह में सुधार की संभावना है। यह बैठक केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय का भी उदाहरण रही, जिससे देश की कर प्रणाली को अधिक प्रभावी और न्यायसंगत बनाने की दिशा में एक और मजबूत कदम बढ़ाया गया है।