दिल्ली एयरपोर्ट पर हाल ही में एक विशेष और दिल को छू लेने वाला दृश्य देखने को मिला जब भारत के पैरालंपिक खिलाड़ियों का भव्य स्वागत किया गया। इन खेलों में देश का मान बढ़ाने वाले इन नायकों का स्वागत ढोल-बाजे और तिरंगे के साथ किया गया, जिसने एयरपोर्ट के माहौल को पूरी तरह से जीवंत और उत्साही बना दिया।
पैरालंपिक खिलाड़ियों की टीम ने जब एयरपोर्ट पर कदम रखा, तो उनका स्वागत करने के लिए एक भव्य मंच सजाया गया था। एयरपोर्ट के हॉल में ढोल की थाप और शहनाई की धुनें गूंज रही थीं। हर ओर रंग-बिरंगे गुब्बारे और तिरंगे लहराते हुए नजर आ रहे थे, जो इस अवसर की खुशी को और भी बढ़ा रहे थे।
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पैरालंपिक खिलाड़ियों के स्वागत के लिए विभिन्न सरकारी अधिकारियों, खेल प्रेमियों और आम जनता ने भी हिस्सा लिया। सभी ने मिलकर खिलाड़ियों को तिलक किया और उनके सिर पर फूलों की माला डाली। इस उत्सवपूर्ण स्वागत ने साबित कर दिया कि भारतीय जनता अपने खेल नायकों के प्रति कितनी गर्वित और समर्पित है।
स्वागत समारोह में मौजूद लोग न केवल खिलाड़ियों के साथ सेल्फी ले रहे थे बल्कि उनके साथ हर पल का आनंद भी ले रहे थे। इस दौरान कुछ विशेष क्षण भी आए, जब खिलाड़ियों ने अपने संघर्ष और उपलब्धियों की कहानियाँ साझा की। उनकी प्रेरणादायक कहानियाँ सभी के दिलों को छू गईं और एकजुटता का भाव उत्पन्न किया।
खेल प्रेमियों और प्रशंसा प्राप्त कर रहे खिलाड़ियों के बीच एक भावनात्मक संवाद स्थापित हुआ। विभिन्न खेल संघों के प्रतिनिधियों ने भी इस अवसर पर खिलाड़ियों की उपलब्धियों की सराहना की और भविष्य में भी उन्हें हर संभव समर्थन देने का आश्वासन दिया।
इस भव्य स्वागत के दौरान, लोगों ने केवल खिलाड़ियों को सम्मान ही नहीं दिया, बल्कि उनकी मेहनत, लगन और संघर्ष की भी सराहना की। यह समारोह साबित करता है कि खेलों में सच्ची विजय केवल पदक जीतने में नहीं होती, बल्कि समाज और देश के दिलों में भी जीतने में होती है।
अंत में, एयरपोर्ट पर आयोजित इस भव्य स्वागत ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत अपने खेल नायकों को न केवल सम्मान करता है, बल्कि उनके प्रति अपार गर्व भी महसूस करता है। यह समारोह आने वाले दिनों में भी खेलों के प्रति देश की निष्ठा और समर्थन का प्रतीक बनेगा। पैरालंपिक खिलाड़ियों के इस स्वागत ने एक बार फिर साबित कर दिया कि खेल केवल शारीरिक प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि प्रेरणा, सम्मान और एकता का भी माध्यम है।

